इस दिन चली थी भारत की पहली Electric Train, 400 लोगों ने किया था सफर
भारतीय रेलवे परिवहन में एक अहम भूमिका निभाता है। ज्यादातर लोग रेलवे से यात्रा करना पसंद करते हैं।


TISHA GUPTA
Created AT: 14 अगस्त 2023
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भारतीय रेलवे परिवहन में एक अहम भूमिका निभाता है। ज्यादातर लोग रेलवे से यात्रा करना पसंद करते हैं। भारत में रेलवे के इतिहास को लगभग पौने दो साल हो चुके हैं। इस दौरान देश ने भांप से चलने वाले ट्रेन से लेकर सुपरफास्ट ट्रेन तक का सफर पूरा कर लिया है। हालांकि, बेहद कम लोग ही इस बात को जानते होंगे कि भारत में आजादी से पहले इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ चुकी है। अगर बात करें पब्लिक ट्रांसपोर्ट की, तो भारत में लोगों की ट्रेवलिंग के लिए पहली रेल 1853 में चली। यह ट्रेन पोरीबंदर से ठाणे के बीच चली। ट्रेन में कुल 20 बोगियां थीं। इसमें तीन भाप इंजन लगे थे। ट्रेन से लगभग 400 लोगों ने यात्री की थी।
1925 में रवाना हुई थी भारत की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन
3 फरवरी 1925 को भारत में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन रवाना हुई। यह एशिया की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन थी। इसने बॉम्बे वीटी (अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल) और कुर्ला हार्बर के बीच तक का सफर तय किया था। ट्रेन को 1500 वोल्ट डीसी (डायरेक्ट करंट) पर इलेक्ट्रिफाइड किया गया था।बॉम्बे गवर्नर ने दिखाई थी हरी झंडी
इसे तत्कालीन बॉम्बे गवर्नर सर लेस्ली विल्सन ने झंडी दिखाकर रवाना किया था। कैमेल लैयर्ड और उर्डिंगेन वैगनफैब्रिक (वैगन फैक्ट्री) ने इस ट्रेन के लिए लोकोमोटिव का बनाया था। इसके बाद विल्सन ने 5 जनवरी 1928 को कोलाबा और बोरीवली के बीच भी इलेक्ट्रिक रेल लाइन शुरू की। इस दौरान विल्सन ने खुद मुंबई तक सफर किया।मुंबई से ठाणे तक बिछाई थी लाइन
बता दें भारत की पहली ट्रेन 1837 में चली थी। इसने 25 किमी का सफर तय किया था। इस रेल का निर्माण सर आर्थर कॉटन ने किया था। इसका इस्तेमाल ग्रेनाइट को ले जाने के लिए किया गया था। सन 1845 कलकत्ता (अब कोलकाता) में द ग्रेट इंडियन पैनेसुला नाम की रेल कंपनी की नींव रखी गई थी। 1850 में कंपनी ने मुंबई से ठाणे तक लाइन बिछाई, जिसके बाद भारत सहित अन्य देशों में भी रेल के डिब्बे बनने लगे और रेलवा लाइन बिछने लगीं।ये भी पढ़ें
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